PM KISAN scheme: केंद्र सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) योजना को लेकर एक्शन मोड में आ गई है। दरअसल, सरकार ने कृषि और किसान कल्याण विभाग के तहत पीएम किसान योजना का मूल्यांकन करने की योजना बनाई है। नीति आयोग से जुड़े विकास निगरानी और मूल्यांकन कार्यालय (DMEO) ने इस योजना के मूल्यांकन के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं। बता दें कि इस योजना की लागत सरकारी खजाने पर प्रति वर्ष 60,000 करोड़ रुपये है।
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने बताया कि इसका मकसद यह मूल्यांकन करना है कि योजना ने किस हद तक किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा किया। इसके साथ ही कृषि आय पर इसका कितना प्रभाव पड़ा। यह भी समझना कि क्या डायरेक्ट बेनिफिशियल ट्रांसफर (डीबीटी) किसानों के लिए एक आदर्श तरीका है या नहीं।
अधिकारी ने कहा-योजनाओं के मूल्यांकन की समय अवधि छह महीने होगी। योजना मूल्यांकन के लिए सर्वेक्षण में 24 राज्यों के न्यूनतम 5000 किसानों को शामिल किया जाएगा, जिनमें से शीर्ष 17 राज्य हैं। वहीं, लगभग 95% पीएम किसान लाभार्थी हैं। बता दें कि 2022-23 में योजना के कुल 10 करोड़ 71 लाख लाभार्थी थे।