सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनकी पत्नी पायल यानी दोनों पक्षों के बीच समझौते की गुंजाइश को लेकर दोनों को ही मध्यस्थता केंद्र जाने का सुझाव दिया है। दोनों के अलगाव का मामला न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था। शीर्ष अदालत ने कहा, “पार्टी को मध्यस्थता के लिए जाने दें।” साथ ही कहा कि पार्टियों को शीर्ष अदालत के मध्यस्थता केंद्र के समक्ष पेश होना चाहिए।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल उमर अब्दुल्ला की ओर से पेश हुए जबकि वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान उनकी अलग रह रही पत्नी की ओर से पेश हुए और दोनों ने मध्यस्थता का सुझाव दिया।
शीर्ष अदालत ने कहा कि समझौते का प्रयास किया जा सकता है, हालांकि वह समझती है कि कुछ शादियां बचाई नहीं की जा सकतीं।
उमर अब्दुल्ला ने 12 दिसंबर, 2023 के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है, जिसने पारिवारिक अदालत के उस आदेश के खिलाफ उनकी याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन्हें अपनी अलग पत्नी से तलाक देने से इनकार कर दिया गया था।
30 अगस्त, 2016 को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने क्रूरता के आधार पर तलाक की मांग वाली उनकी याचिका खारिज कर दी। उन्होंने 2013 में याचिका दायर की। उनकी शादी सितंबर 1994 में हुई लेकिन 2009 से वे अलग रह रहे हैं। दंपति के दो बेटे हैं।