नई दिल्ली: एशियाई विकास बैंक (ADB) ने भारत के लिए चालू वित्त वर्ष 2024-25 की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले उसने वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। एडीबी के अनुसार, सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की निवेश और उपभोक्ता मांग से मजबूत वृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा। एडीबी ने ‘एशियन डेवलपमेंट आउटलुक’ के अप्रैल संस्करण में कहा कि भारत, एशिया तथा प्रशांत क्षेत्र में ‘‘एक प्रमुख वृद्धि इंजन’’ बना रहेगा।
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एडीबी ने भारत की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। वित्त वर्ष 2023-24 और वित्त वर्ष 2024-25 में नरमी के बावजूद वृद्धि मजबूत रहेगी। हालांकि, वित्त वर्ष 2024-25 का वृद्धि अनुमान 2022-23 वित्त वर्ष के अनुमानित 7.6 प्रतिशत से कम है। मनीला स्थित बहुपक्षीय संस्थान ने पिछले साल दिसंबर में वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था।
इसमें कहा गया, ‘‘ वित्त वर्ष 2022-23 में विनिर्माण व सेवाओं में मजबूत गति के साथ अर्थव्यवस्था में जोरदार वृद्धि हुई। यह तेजी आगे भी जारी रहेगी। वृद्धि मुख्य रूप से मजबूत निवेश और उपभोग मांग में सुधार से प्रेरित होगी। वैश्विक रुझानों के अनुरूप मुद्रास्फीति में गिरावट का रुख जारी रहेगा।’’
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पिछले हफ्ते कहा था कि मानसून के सामान्य रहने पर मुद्रास्फीति के दबाव में कमी और विनिर्माण व सेवा क्षेत्रों में निरंतर गति से चालू वित्त वर्ष 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान है।
भारत के लिए एडीबी के ‘कंट्री डायरेक्टर’ मियो ओका ने कहा, ‘‘ “वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद भारत अपनी मजबूत घरेलू मांग तथा सहायक नीतियों के बल पर सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है।’’
एडीबी की स्थापना 1966 में की गई। अत्यधिक गरीबी उन्मूलन के अपने प्रयासों को जारी रखते हुए एडीबी एक समृद्ध, समावेशी, जुझारू व टिकाऊ एशिया तथा प्रशांत क्षेत्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। एडीबी के 68 सदस्य देश हैं, जिनमें से 49 एशिया और प्रशांत क्षेत्र से हैं।