नई दिल्ली: चंडीगढ़ में हुए हालिया मेयर चुनाव में कथित धांधली की सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ समेत तीन जजों की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान कथित धांधली का वीडियो देखा जिसमें प्रिजाइडिंग अफसर कथित तौर पर वोट रद्द कर रहे हैं। वीडियो देखते ही मुख्य न्यायाधीश पोलिंग अफसर पर भड़क गए और उन्हें कड़ी फटकार लगाई। सीजेआई ने कहा कि यह तो लोकतंत्र की हत्या है। लोकतंत्र का मजाक बना दिया गया है।
उन्होंने कहा, “जो कुछ हुआ उससे हम स्तब्ध हैं। इस अधिकारी पर तो मुकदमा चलाया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि हम इस तरह लोकतंत्र की हत्या की इजाजत नहीं दे सकते। सीजेआई ने चुनाव का पूरा वीडियो पेश करने को कहा है और संबंधित पक्षों को नोटिस भी जारी किया है।
शीर्ष अदालत ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से मतपत्र, वीडियोग्राफी और अन्य सामग्री सहित चुनाव प्रक्रिया के पूरे रिकॉर्ड को संरक्षित करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने 7 फरवरी को होने वाली चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक सुनवाई की अगली तारीख तक स्थगित रखने का आदेश दिया है।
चंडीगढ़ मेयर का चुनाव हारने वाले आप उम्मीदवार कुलदीप कुमार ने चुनाव परिणाम पर तत्काल रोक लगाने और चुनाव रद्द करने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन वहां से इनकार मिलने के बाद उन्होंने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। 30 जनवरी को हुए चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार मनोज सोनकर को मेयर घोषित किया गया था।
भाजपा के मनोज सोनकर को चुनाव में 16 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस-आप उम्मीदवार कुलदीप टीटा को 12 वोट मिले थे। रिटर्निंग अफसर ने आठ वोट अवैध घोषित कर दिए थे। कांग्रेस और आप के नेताओं ने धांधली के आरोप लगाए और इस मुद्दे पर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला बोला था।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मुख्य न्यायाधीश को यह देखने के लिए पेनड्राइव दी कि चुनाव कार्यवाही में क्या-क्या हुआ था। इसी पेनड्राइव में कथित रूप से प्रिजाइडिंग ऑफिसर का वो वीडियो भी था, जिसमें देखा गया कि वह मतपत्रों पर कलम चला रहे हैं।