दोहा : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के साथ बृहस्पतिवार को बातचीत की। कतर सरकार द्वारा भारतीय नौसेना के उन आठ कर्मियों को रिहा करने के कुछ दिन बाद यह बैठक हुई जिन्हें अगस्त, 2022 में गिरफ्तार किये जाने के बाद मौत की सजा सुनाई गई थी। मोदी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की दो दिवसीय यात्रा के बाद बुधवार को दोहा पहुंचे थे। यह प्रधानमंत्री की कतर की दूसरी यात्रा है, इससे पहले वह जून 2016 में कतर आए थे। अपने आगमन के तुरंत बाद, मोदी ने कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से मुलाकात की। वह कतर के विदेश मंत्री भी हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ”दोनों नेताओं ने व्यापार, निवेश, ऊर्जा, वित्त और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर विचारों का आदान-प्रदान किया।” मंत्रालय ने कहा, ”उन्होंने पश्चिम एशिया में हाल के क्षेत्रीय घटनाक्रम पर भी चर्चा की और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया।” बैठक के बाद कतर के प्रधानमंत्री ने मोदी के लिए रात्रिभोज की मेजबानी की।
प्रधानमंत्री मोदी की कतर की दूसरी यात्रा कतर द्वारा भारतीयों को रिहा करने के कुछ दिन बाद हुई। निजी कंपनी अल दहरा के साथ काम करने वाले भारतीय नागरिकों को जासूसी के एक कथित मामले में अगस्त, 2022 में गिरफ्तार किया गया था। नौसेना के पूर्व कर्मियों को 26 अक्टूबर को कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी।
खाड़ी देश की अपीलीय अदालत ने 28 दिसंबर को मृत्युदंड की सजा को कम कर दिया था और नौसेना के पूर्व कर्मियों को तीन साल से लेकर 25 साल तक अलग-अलग अवधि के लिए जेल की सजा सुनाई थी। पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री मोदी ने दुबई में ‘कॉप 28’ शिखर सम्मेलन के मौके पर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हम्माद अल-थानी से मुलाकात की थी और कतर में भारतीय समुदाय के कल्याण पर चर्चा की थी।
भारत और कतर के बीच व्यापार और ऊर्जा संबंध बढ़ रहे हैं। कतर भारत को तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है, जो भारत के वैश्विक एलएनजी आयात का 48 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है।प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से दोनों पक्षों को उच्चतम स्तर पर जुड़ने और द्विपक्षीय संबंधों को नई गति प्रदान करने का अवसर मिलेगा। नवंबर, 2008 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की यात्रा के बाद यह भारत की ओर से कतर की दूसरी उच्च स्तरीय यात्रा है।