केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 2019 में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में कथित फिक्सिंग से जुड़े दो मामलों को सबूतों के अभाव में बंद कर दिया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सीबीआई ने यह जानकारी मिलने के बाद मई 2022 में सात लोगों के खिलाफ दो प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की थी कि ‘क्रिकेट सट्टेबाजी में शामिल व्यक्तियों का एक नेटवर्क पाकिस्तान से मिल रहे ‘इनपुट’ के आधार पर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैचों के नतीजों को प्रभावित कर रहा है।”

 

सीबीआई ने पहली एफआईआर दिल्ली के रोहिणी स्थित दिलीप कुमार तथा हैदराबाद के रहने वाले गुर्रम वासु और गुर्रम सतीश के खिलाफ दर्ज की थी। दूसरी एफआईआर में राजस्थान के सज्जन सिंह, प्रभु लाल मीणा, राम अवतार और अमित कुमार शर्मा को आरोपी के रूप में नामित किया गया था।

 

लगभग दो साल की जांच के बाद सीबीआई उनके खिलाफ मामला आगे चलाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं जुटा पाई। अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने 23 दिसंबर को विशेष अदालत में अपनी रिपोर्ट दायर कर दी है, जिसमें मामले को बंद करने की सिफारिश करने के कारणों का हवाला देने के अलावा, आरोपों और मामले में जांच का विस्तृत विवरण दिया गया है।

 

उन्होंने कहा कि एजेंसी द्वारा दायर की गई रिपोर्ट को स्वीकार करने या फिर आगे जांच का आदेश देने का फैसला अब अदालत को करना है।

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