दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कथित तौर पर सांप्रदायिक रूप से विभाजनकारी भाषण देने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ निर्वाचन आयोग को कार्रवाई करने का निर्देश दिए जाने का आग्रह किया गया था। याचिका में इन कथित भाषणों को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताया गया था।

न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने कहा कि याचिका में कोई दम नहीं है। उन्होंने कहा कि आयोग कानून के अनुसार याचिकाकर्ता की शिकायत पर स्वतंत्र रूप से विचार कर सकता है। अदालत ने आदेश में कहा, ‘‘इस तरह, अभी वर्तमान याचिका बिल्कुल ही उपयुक्त नहीं है। इन परिस्थितियों में, अदालत को वर्तमान याचिका में कोई दम नजर नहीं आता और इसे खारिज किया जाता है।’’

अदालत ने प्रधानमंत्री के धर्म और देवी-देवताओं के नाम पर कथित रूप से वोट मांगने वाले एक भाषण से संबंधित याचिका पर दिए गए अपने पहले के आदेश का भी हवाला दिया और कहा कि कोई भी धारणा बनाना अनुचित है।

निर्वाचन आयोग के वकील ने कहा कि आयोग पहले ही सभी राजनीतिक दलों को एक विस्तृत परामर्श जारी कर चुका है।

आयोग के वकील ने कहा कि इसने चुनाव की घोषणा से पहले एक मार्च को सभी राजनीतिक दलों को प्रचार अभियान के दौरान पालन किए जाने वाले मानदंडों के बारे में एक विस्तृत परामर्श जारी किया था। आयोग द्वारा एक नोटिस जारी किया गया है और नोटिस का जवाब मिलने पर यदि आवश्यक हुआ तो उचित कार्रवाई की जाएगी।

इस पर, याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि निर्वाचन आयोग के पास अलग-अलग राजनीतिक नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए अलग-अलग मानक नहीं हो सकते।

शाहीन अब्दुल्ला द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि निर्वाचन आयोग से की गई शिकायतों के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अन्य नेताओं पर उनके कथित नफरत भरे भाषणों के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘‘आयोग इससे कैसे निपटेगा उस बारे में मैं निर्देश नहीं दे सकता। वे इसका निपटारा करने के बीच में हैं। हम यह नहीं मान सकते कि वे कुछ नहीं करेंगे।’’

याचिका में कहा गया था कि एक मई को आयोग ने भारत राष्ट्र समिति के अध्यक्ष के.चंद्रशेखर राव पर उनके चुनावी भाषणों में आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर प्रचार करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। साथ ही, इसतरह के उल्लंघनों के लिए पश्चिम बंगाल से भाजपा सांसद दिलीप घोष, आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी और कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला को व्यक्तिगत नोटिस जारी किए गए हैं।

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