लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर बीजेपी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। पार्टी पहले के मुकाबले अब और अधिक सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी, ताकि अधिक सीटें जीत सके।  मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजेपी 2019 के मुकाबले 2024 में 450 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। पार्टी ने इस बार 400 से ज्यादा सीटें अपने बूते जीतने का लक्ष्य रखा है।  2019 के चुनावों में बीजेपी ने कुल 436 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे, जहां उसे 303 सीटों पर जीत मिली थी। बाकी 107 सीटों पर बीजेपी के सहयोगी दलों ने चुनाव लड़ा था और 51 सीटों पर जीत दर्ज की थी। तब बीजेपी को कुल 22.9 करोड़ वोट मिले थे जो कुल वोट का 37.7 फीसदी था।

दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने 2019 में कुल 421 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इनमें से उसे सिर्फ 52 सीटों पर ही जीत मिल सकी थी। कांग्रेस को तब 11.94 करोड़ वोट मिले थे, जो कुल वोट का 19.51 फीसदी था। इस बार कांग्रेस पार्टी देशभर में 290 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस इसलिए कम सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है क्योंकि वह 28 दलों के विशाल इंडिया अलायंस के तहत चुनावी मैदान में उतरने जा रही है। 2019 के चुनावों के मुकाबले उसके कुनबे में कई पार्टियां साथ आई हैं।

दूसरी तरफ, बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन से बिहार में जेडीयू, महाराष्ट्र में शिवसेना, तमिलनाडु में AIADMK और पंजाब में शिरोमणि अकाली दल निकल चुके हैं। ऐसे में उन साथी दलों की सीटों पर बीजेपी अब अपने उम्मीदवार खड़ा करेगी। हालांकि, महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे गुट वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी एनडीए में शामिल हो चुकी है।

बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बिहार की 40 में से केवल 17 सीटों पर, महाराष्ट्र की 48 में से 25 सीटों पर और तमिलनाडु में 39 में से पांच सीटों पर ही चुनाव लड़ा था। पंजाब में भी बीजेपी ने 13 में से सिर्फ तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस बार बीजेपी इन राज्यों में बड़ी संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। बिहार में बीजेपी को अब लोजपा और हम को साथ लेकर चुनाव लड़ना है। उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश साहनी का अभी तक कोई ठोस गठबंधन नहीं हो सका है। ऐसे में माना जा रहा है कि वहां बीजेपी 40 में से 30 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ सकती है।

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