कन्नौज (उत्तर प्रदेश):  समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को कन्नौज लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस दौरान उन्होंने लोगों से भाजपा को ‘क्लीन बोल्ड’ करने की अपील की। बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ कचहरी पहुंचे अखिलेश ने कन्नौज से नामांकन पत्र दाखिल किया। इस दौरान उनके साथ सपा के वरिष्ठ नेता राम गोपाल यादव एवं अन्य नेता भी मौजूद रहे। सपा ने इससे पहले मैनपुरी से पूर्व सांसद तेज प्रताप सिंह यादव को कन्नौज लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था।

अखिलेश ने नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि कन्नौज में सपा के सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और आम जनता की यह ख्वाहिश थी कि वह इस सीट से चुनाव लड़ें। उम्मीद है कि जनता एक बार फिर उन्हें आशीर्वाद देगी।

उन्होंने कहा, ‘‘कन्नौज का चुनाव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नकारात्मक राजनीति को खत्म करेगा। हम कन्नौज की पहचान को आगे बढ़ाएंगे। हम कन्नौज के लोगों के सम्मान और विकास के लिये काम करेंगे। भाजपा ने कन्नौज का विकास रोक कर नकारात्मक राजनीति की।’’

अखिलेश ने दावा किया कि भाजपा की ‘नकारात्मक’ राजनीति है खत्म होगी और भाईचारे का एक दौर शुरू होगा जो कन्नौज में विकास एवं खुशहाली लाएगा। उन्होंने कहा कि जब मैं पहली बार यहां आया था तो नेता जी (उनके पिता और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव) और उस समय के वरिष्ठ नेता जनेश्वर मिश्र, अमर सिंह, आजम खान ने मुझे यहां से चुनाव लड़ने के लिए कहा था।

कथित तौर पर भाजपा के कुछ नेताओं ने टिप्पणी की थी कि चुनाव भारत और पाकिस्तान के बीच एक क्रिकेट मैच की तरह है। इस बारे में पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा, ‘‘वे न तो गेंद फेंक पाएंगे और न ही बल्ले का इस्तेमाल कर पाएंगे।’’ उन्होंने लोगों से भाजपा को ‘क्लीन बोल्ड’ करने का आग्रह करते हुए कहा कि ‘‘हम सभी छह गेंदों पर छक्का मारेंगे।’’

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘कन्नौज की खुशबू फिर फैलेगी’’। उन्होंने कहा, ‘‘एक पुरानी कहावत है: जब लोहा गर्म हो तो उस पर प्रहार करें। मैं सही समय पर यहां आया हूं।’’ सपा नेता रामगोपाल यादव ने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि सपा भारी अंतर से कन्नौज सीट जीतेगी। उन्होंने दावा किया कि भाजपा उम्मीदवार की इस सीट पर जमानत जब्त हो सकती है।

नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले अखिलेश ने कन्नौज से नामांकन की 24 साल पुरानी एक तस्वीर ‘एक्स’ पर साझा की और लिखा, ‘‘फिर इतिहास दोहराया जाएगा। अब नया भविष्य बनाया जाएगा।’’ इस पर अखिलेश के चाचा सपा महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने लिखा, ‘‘विजय भव: सर्वदा।’’

भाजपा ने मौजूदा सांसद सुब्रत पाठक को अखिलेश के खिलाफ मैदान में उतारा है। पाठक ने इस सीट से जीतने का भरोसा जताया। अपना नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले पाठक कन्नौज में स्थित एक मंदिर में गए। उन्होंने ‘पीटीआई वीडियों’ से कहा, ‘‘ मुकाबला तगड़ा होगा लेकिन भाजपा इसे जीतेगी।” उन्होंने कहा कि शहर को नोएडा, आगरा और लखनऊ की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। पाठक ने कहा, ‘‘हम राजमार्ग के पास एक औद्योगिक शहर स्थापित करने पर काम कर रहे हैं और जल्द ही निवेश आएगा।’’

भाजपा नेता अपर्णा यादव ने कहा कि मुलायम सिंह यादव के प्रभाव के कारण कुछ सीटें (जिन पर यादव और ओबीसी मतदाताओं की भारी मौजूदगी है) को सपा के लिए सुरक्षित माना जाता था, लेकिन भाजपा ने अब उन सीट के प्रति धारणा भी बदल दी है।

अखिलेश यादव पूर्व में तीन बार कन्नौज से ही सांसद रह चुके हैं। वर्ष 2000 में कन्नौज सीट पर हुए उपचुनाव में वह पहली बार सांसद चुने गये थे। उसके बाद वह 2004 और 2009 में भी इसी सीट से सांसद रहे। उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद लोकसभा से इस्तीफा देने के चलते 2012 में कन्नौज सीट पर हुए उपचुनाव में अखिलेश की पत्नी डिंपल निर्विरोध चुनी गयी थीं। वर्ष 2014 के आम चुनाव में भी डिंपल ने इसी सीट से जीत दर्ज की थी। हालांकि साल 2019 के चुनाव में वह भाजपा के सुब्रत पाठक से पराजित हो गयी थीं।

अखिलेश यादव वर्तमान में करहल विधानसभा सीट से विधायक और प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में वह करहल सीट से पहली बार विधायक चुने गए थे। कन्नौज में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत 13 मई को मतदान होगा।

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