अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ होनी है। सियासी गहमागहमी और समारोह में शामिल होने के न्योते पर राजनीतिक दांव-प्रतिदांव के बीच देश-दुनिया से अजब-गजब उपहार राम मंदिर के लिए भेजे जा रहे हैं। इन विशेष उपहारों में 108 फुट लंबी अगरबत्ती, 2,100 किलोग्राम का घंटा, 1,100 किलोग्राम वजन का एक विशाल दीपक, सोने के खड़ाऊं, 10 फुट ऊंचा ताला तथा चाबी और आठ देशों का समय एक साथ बताने वाली घड़ी शामिल हैं।

इन अनोखे उपहारों को बनाने वाले कलाकारों को उम्मीद है कि इनका इस्तेमाल भव्य मंदिर में किया जाएगा। देश के सभी हिस्सों और यहां तक कि विदेशों से भी अनूठे उपहार प्राप्त हो रहे हैं। नेपाल के जनकपुर में सीताजी की जन्मभूमि से भगवान राम के लिए 3,000 से अधिक उपहार अयोध्या पहुंच चुके हैं। आभूषण और कपड़ों सहित उपहारों को इस सप्ताह नेपाल के जनकपुर धाम रामजानकी मंदिर से लगभग 30 वाहनों के जरिये अयोध्या लाया गया।

श्रीलंका का एक प्रतिनिधिमंडल भी अशोक वाटिका से विशेष उपहार के साथ अयोध्या पहुंचा है। प्रतिनिधिमंडल ने महाकाव्य रामायण में वर्णित अशोक वाटिका से लाई गई एक शिला भेंट की है। रामायण के अनुसार अशोक वाटिका वही जगह है, जहां रावण ने माता सीता का अपहरण करने के बाद उन्हें रखा था।

गुजरात के वडोदरा में छह महीने की अवधि में 108 फुट लंबी अगरबत्ती तैयार की गई है, जिसका वजन 3,610 किलोग्राम है और यह लगभग 3.5 फुट चौड़ी है। अगरबत्ती तैयार करने वाले वडोदरा निवासी विहा भरवाड ने बताया, ‘‘यह अगरबत्ती पर्यावरण के अनुकूल है और लगभग डेढ़ महीने तक जलेगी और कई किलोमीटर तक अपनी सुंगध फैलाएगी।’’

उन्होंने कहा कि इस अगरबत्ती के लिए 376 किलोग्राम गुग्गुल, 376 किलोग्राम नारियल गोला, 190 किलोग्राम घी, 1,470 किलोग्राम गाय का गोबर, 420 किलोग्राम जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया गया है। भरवाड और 25 अन्य भक्त एक जनवरी को विशाल अगरबत्ती के साथ वडोदरा से रवाना हुए और उनका काफिला 18 जनवरी को अयोध्या पहुंचेगा। गुजरात ने दरियापुर में अखिल भारतीय दबगर समाज द्वारा तैयार किया गया एक नगारू (मंदिर का वाद्ययंत्र) भी भेजा है। मंदिर के प्रांगण में यह नगारू स्थापित किया जायेगा।

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ निवासी ताला बनाने वाले सत्य प्रकाश शर्मा ने 10 फुट ऊंचाई, 4.6 फुट चौड़ाई और 9.5 इंच मोटाई वाला 400 किलोग्राम वजन का ताला और चाबी तैयार की है। उन्होंने कहा, ‘‘यह दुनिया का सबसे बड़ा ताला और चाबी है। मैंने इसे ट्रस्ट को उपहार में दिया है ताकि इसे मंदिर में प्रतीकात्मक ताले के रूप में इस्तेमाल किया जा सके।’’

उत्तर प्रदेश में एटा के जलेसर में अष्टधातु से बना 2,100 किलोग्राम वजन का घंटा तैयार किया गया है। घंटा तैयार करने में शामिल एक कारीगर ने कहा, ‘इसे तैयार करने में दो साल लग गए। सभी अनुष्ठानों को करने के बाद धूमधाम के साथ घंटे को अयोध्या भेजा जा रहा है।’’

लखनऊ के एक सब्जी विक्रेता ने विशेष रूप से एक ऐसी घड़ी तैयार की है जो एक ही समय में आठ देशों का समय बताती है। अनिल कुमार साहू (52) ने कहा कि उन्होंने 75 सेमी व्यास वाली घड़ी मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को उपहार में दी है।

साहू ने कहा कि उन्होंने पहली बार 2018 में घड़ी बनाई थी, और इसे भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय द्वारा प्रमाण पत्र दिया गया था। उन्होंने बताया कि यह घड़ी भारत, टोक्यो (जापान), मॉस्को (रूस), दुबई (यूएई), बीजिंग (चीन), सिंगापुर, मेक्सिको सिटी (मेक्सिको), वाशिंगटन डीसी और न्यूयॉर्क (अमेरिका) का समय दर्शाती है।

नागपुर के शेफ विष्णु मनोहर ने घोषणा की है कि वह प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने वाले भक्तों के लिए 7,000 किलोग्राम ‘‘राम हलवा’’ तैयार करेंगे। मथुरा का श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान अयोध्या में ‘यज्ञ’ के लिए 200 किलोग्राम लड्डू भेजने की तैयारी कर रहा है।

तिरूपति में श्री वेंकटेश्वर मंदिर के संरक्षक, तिरुमला तिरूपति देवस्थानम (टीटीडी) ने भी घोषणा की है कि वह इस खास दिन के लिए भक्तों को वितरण के वास्ते एक लाख लड्डू भेजेगा।

सूरत के एक हीरा व्यापारी ने 5,000 अमेरिकी हीरे और दो किलोग्राम चांदी का उपयोग करके राम मंदिर की थीम पर एक हार बनाया है। चालीस कारीगरों ने 35 दिन में इसे तैयार किया और हार को राम मंदिर ट्रस्ट को उपहार में दिया गया है।

वडोदरा के रहने वाले किसान अरविंदभाई मंगलभाई पटेल ने 1,100 किलोग्राम वजन का एक विशाल दीपक तैयार किया है। पटेल ने कहा, ‘‘दीपक 9.25 फुट ऊंचा और आठ फुट चौड़ा है। दीपक ‘पंचधातु’ (सोना, चांदी, तांबा, जस्ता और लोहा) से बना है।’’ राम मंदिर का पहला चरण पूरा होने वाला है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जनवरी को मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा लेंगे।

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