बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज (शनिवार, 13 जनवरी) को 96,823 नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए। ये सभी शिक्षक दूसरे चरण में बहाल किए गए हैं। देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक ही विज्ञापन से 1 लाख 20 हजार 338 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया है। विद्यालय अध्यापकों की नियुक्ति के द्वितीय चरण में कुल चयनित शिक्षकों में 51 प्रतिशत महिलायें नियुक्त हुई हैं। द्वितीय चरण में शिक्षकों की नियुक्ति के बाद अब बिहार में छात्र-शिक्षक का अनुपात 36:1 हो गया है, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में एक प्रभावी कदम है।

राजधानी पटना के गाँधी मैदान में आयोजित इस नियुक्ति पत्र वितरण समारोह विधिवत शुभारंभ दीप जलाकर किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री के सामने शिक्षा विभाग की उपलब्धियों पर आधारित लघु फिल्म प्रदर्शित की गयी। मुख्यमंत्री ने उच्च माध्यमिक विद्यालय (कक्षा 11-12), माध्यमिक विद्यालय (कक्षा 9-10) एवं प्राथमिक विद्यालय (कक्षा 1-5) के कुल 96 हजार 823 नवनियुक्त शिक्षकों में से 12 शिक्षकों को सांकेतिक रूप से नियुक्ति पत्र प्रदान किया। राज्य सरकार ने शिक्षक नियुक्ति के दूसरे चरण में भी बड़े पैमाने पर नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र के रूप में तोहफा दिया है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक नियुक्ति के दूसरे चरण में में नवनियुक्त शिक्षकों के इस नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में उपस्थित आप सभी लोगों का मैं अभिनंदन करता हूं। आज पटना के इस ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में सीमित संख्या में नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ-साथ आज पूरे बिहार में जिला मुख्यालयों पर कुल 96,823 नवनियुक्त शिक्षकों के लिए नियुक्ति पत्र वितरण समारोह का आयोजन किया गया है।

विद्यालय अध्यापकों की नियुक्ति के द्वितीय चरण में कुल चयनित शिक्षकों में 51 प्रतिशत महिलायें नियुक्त हुई हैं।

पूरे बिहार से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में आयुक्तगण, जिलाधिकारीगण, पुलिस अधिकारीगण, शिक्षा विभाग के पदाधिकारीगण, नवनियुक्त शिक्षकगण एवं विशिष्ट अतिथिगण जुड़े । बता दें कि दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, उत्तराखंड, झारखंड समेत कई दूसरे राज्यों के लोग भी बिहार में शिक्षक नियुक्त हुए हैं। नियुक्त शिक्षकों में 85 प्रतिशत बिहार के हैं और 16 प्रतिशत बिहार से बाहर के रहनेवाले युवक-युवतियां हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006-07 में हमलोगों ने बड़े पैमाने पर पंचायत एवं नगर निकायों के के माध्यम से शिक्षकों का नियोजन शुरू कराया था ताकि गरीब-गुरबा तबके के बच्चे- बच्चियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान किया जा सके। पंचायत समितियों एवं नगर निकायों के माध्यम से कुल 3 लाख 68 हजार शिक्षकों का नियोजन हुआ है। नियोजित शिक्षकों को भी बहुत जल्द सरकारी शिक्षक बनाने के लिए प्रक्रिया शुरू की जायेगी। इसके लिए सामान्य परीक्षा का आयोजन कराया जाएगा जिसमें उतीर्ण होनेवाले सभी नियोजित शिक्षक सरकारी शिक्षक बन जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नियोजित शिक्षकों को परीक्षा उतीर्ण करने के लिए तीन अवसर प्रदान किया जाएगा।

समारोह को उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, ऊर्जा सह योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री प्रो० चंद्रशेखर ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव  दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सह गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सचिव डॉ० एस० • सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, प्रमंडलीय आयुक्त पटना कुमार रवि, शिक्षा विभाग के सचिव  वैद्यनाथ यादव, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, जिलाधिकारी पटना चन्द्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा, प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्रा, माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, गणमान्य व्यक्ति, वरीय अधिकारीगण, एवं नवनियुक्त शिक्षकगण जुड़े हुये थे।

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