नई दिल्ली: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) के मुख्य संरक्षक और आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, इंद्रेश कुमार ने नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में रक्षा बंधन के कार्यक्रम में अपने संबोधन में सेक्युलर सिविल कोड (Uniform Civil Code – UCC) की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने इसे देश की एकता और अखंडता के लिए आवश्यक बताते हुए कहा कि इस कोड के लागू होने से समाज में सद्भावना और समानता का वातावरण बनेगा। इसके साथ ही, उन्होंने बांग्लादेश और कोलकाता की घटनाओं पर भी अपनी चिंताओं और आलोचनाएं व्यक्त की और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (POJK) को भारत का अभिन्न हिस्सा मानते हुए इसे वापस प्राप्त करने का संकल्प दोहराया। उनके विचारों का भारतीय राजनीति और समाज पर गहरा प्रभाव पड़ने की संभावना है।
सेक्युलर सिविल कोड की वकालत:
इंद्रेश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से सेक्युलर सिविल कोड (Uniform Civil Code – UCC) की आवश्यकता पर जोर देने का समर्थन किया। उन्होंने इसे देश की एकता और अखंडता के लिए आवश्यक बताते हुए कहा कि इस कोड के लागू होने से समाज में सद्भावना और समानता का वातावरण बनेगा। उन्होंने कहा कि अलग-अलग पर्सनल लॉ के चलते समाज में भेदभाव बढ़ रहा है, जो सेक्युलर सिविल कोड से समाप्त हो सकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह कोड किसी विशेष धर्म या जाति के लिए नहीं, बल्कि सभी नागरिकों के लिए समान और न्यायसंगत व्यवस्था लाएगा, जो महिलाओं और कमजोर वर्गों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगा।
बांग्लादेश और कोलकाता के मुद्दे:
इंद्रेश कुमार ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के साथ हो रहे अत्याचारों पर चिंता जताई और इसे मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन करार दिया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस पर ध्यान देने का आग्रह किया और भारतीय नेताओं, विशेष रूप से राहुल गांधी और अखिलेश यादव की आलोचना की, जिन्होंने इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
कोलकाता में एक डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए, उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा। उन्होंने ममता बनर्जी को महिलाओं के प्रति संवेदनहीनता का आरोप लगाया और उनकी सरकार के तहत हो रहे अत्याचारों के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया।
POJK और राष्ट्रीय संकल्प:
रक्षा बंधन के अवसर पर, इंद्रेश कुमार ने पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (POJK) को भारत का अभिन्न हिस्सा मानते हुए इसे वापस प्राप्त करने के संकल्प को दोहराया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे आतंकवाद की कड़ी निंदा की और इसके खिलाफ ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कैलाश मानसरोवर को भी भारत का हिस्सा बताते हुए इसे पुनः प्राप्त करने का संकल्प व्यक्त किया।
राष्ट्रीय एकता और अखंडता पर जोर:
इंद्रेश कुमार ने इन सभी मुद्दों पर अपनी राय प्रकट करते हुए देश की राष्ट्रीय एकता और अखंडता की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने का आह्वान किया। उन्होंने समाज में भाईचारा, आपसी प्रेम, और सद्भाव बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे समाज में शांति और सौहार्द बना रहे। उनके इन विचारों का भविष्य में भारतीय राजनीति और समाज पर गहरा असर पड़ने की संभावना है।
भाईचारे और एकता का संदेश:
इस मौके पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक शाहिद अख्तर ने समाजिक सौहार्द और समावेशी समाज के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ और प्रगतिशील समाज के निर्माण के लिए सभी धर्मों और समुदायों के बीच भाईचारा और एकता आवश्यक है।
शाहिद अख्तर ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि एक समावेशी समाज, जहां हर व्यक्ति को समान अधिकार और सम्मान मिले, वह न केवल सामाजिक शांति को बढ़ावा देता है बल्कि राष्ट्र की प्रगति में भी सहायक होता है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपने मतभेदों को भूलकर मिल-जुलकर आगे बढ़ना चाहिए ताकि एक बेहतर और समृद्ध समाज का निर्माण हो सके। इस प्रकार, शाहिद अख्तर ने इस अवसर का उपयोग करके सभी को समाजिक सौहार्द और समावेशिता के महत्व को समझाने का प्रयास किया।
इस मौके पर भारी संख्या में महिलाओं ने इंद्रेश कुमार को राखी बांधी और उन्होंने बहनों को तोहफे देकर उन्हें सम्मानित किया। इस मौके पर मंच के राष्ट्रीय संयोजक शाहिद अख्तर, शालिनी अली, शाहिद सईद, दिल्ली प्रदेश के संयोजक हाजी साबरीन, सह संयोजक खुर्शीद रजाका, इमरान चौधरी, महिला विंग से शहनाज अफजल और अनेकों महत्वपूर्ण लोगों समेत करीब 500 से ऊपर महिलाए थीं, जिन्होंने इंद्रेश कुमार को राखी बांधी।