बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) द्वारा बुधवार को यहां आयोजित एक रैली में ‘नीतीश फॉर पीएम’ के नारे गूंजे। इस रैली को लोकसभा चुनाव से पहले जदयू के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है।
ओबीसी नेता और नीतीश कुमार के गुरू पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की 100 वीं जयंती मनाने के लिए पार्टी द्वारा ‘अति पिछड़ा सम्मेलन’ (अत्यंत पिछड़े वर्गों का सम्मेलन) का आयोजन किया गया था। कर्पूरी ठाकुर को देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ दिये जाने की घोषणा की गयी है।
पिछले महीने पार्टी अध्यक्ष का पद संभालने वाले नीतीश कुमार इस बात पर जोर देते रहे हैं कि विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में एक प्रमुख व्यक्ति होने के बावजूद उनकी ‘कोई व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं’ है।
बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नीतीश कुमार ने कहा, ‘मैं मीडिया के अपने दोस्तों से आग्रह करूंगा कि वे अपनी रिपोर्टिंग कर्पूरी ठाकुर की स्मृति में आयोजित समारोह पर केंद्रित रखें और मेरे बारे में ज्यादा अटकलें न लगाएं। मैं सिर्फ अपने काम में लगा हूं।’
जद (यू) प्रमुख शहर के पशु चिकित्सा महाविद्यालय मैदान में उमड़ी ‘भारी भीड़, को देखकर प्रसन्न दिखे। इस भीड़ के बारे में आकलन लगाया जा रहा है कि दो लाख से कम लोग नहीं रहे होंगे।
पटना शहर राज्य भर से आए जद (यू) कार्यकर्ताओं से अटा पड़ा था। उनमें से कई ‘मिलर हाई स्कूल’ मैदान में टेंट ठहरे हुए थे।
नीतीश कुमार की पूर्व सहयोगी भाजपा भी अपने लिए मिलर हाई स्कूल मैदान चाहती थी। उसने वीरचंद पटेल मार्ग पर अपने कार्यालय के सामने एक प्रदर्शन किया, जहां पार्टी के नेता एक मंच की तरह डिजाइन किये गये एक ट्रक के ऊपर चढ़ गए और विरोधस्वरुप सड़क पर ही ठाकुर की जयंती मनाई ।
मंच पर ठाकुर का विशाल चित्र यह रेखांकित करने के प्रयास के तहत लगाया गया था कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही हैं जिन्होंने दिवंगत नेता को सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया और इसलिए वे ही ‘ईबीसी के सच्चे चैंपियन’ हैं।
इससे बेफिक्र जद (यू) के समर्थकों ने लगभग पूरे शहर को ‘अति पिछड़ा सम्मेलन’ के पोस्टरों से पाट दिया था, जहां नीतीश कुमार ने पार्टी कार्यकर्ताओं से ‘ सदैव शांति से रहने एवं हिंदू-मुसलमान के नाम पर नहीं लड़ने’ के लिए कहा और उन्हें याद दिलाया कि ‘कर्पूरी ठाकुर के पैतृक घर पर सभी धर्मों के लोग प्रार्थना करते हैं।’
कड़कड़ाती ठंड और बर्फीली हवाओं के बावजूद मैदान में बहुत पहले ही काफी भीड़ जमा हो गई थी और दोपहर तीन बजे के आसपास नीतीश कुमार के भाषण खत्म होने तक लोगों का आना वहां जारी रहा ।
भीड़ से लगातार ‘देश का नेता कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो’ के नारे के साथ इस अवसर पर कई नेताओं ने इच्छा व्यक्त की कि पार्टी सुप्रीमो शीर्ष (पद) पर पहुंचें।
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने अपने भाषण में कहा कि वह चाहते हैं कि मुख्यमंत्री ‘दिल्ली में लाल किले पर तिरंगा फहराएं।’’ कुमार नीतीश के पैतृक जिले नालंदा से आते हैं।
रैली में मौजूद लोगों में दिवंगत ठाकुर के सुपुत्र और जद (यू) के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य रामनाथ ठाकुर शामिल थे, जो अपने पार्टी सहयोगियों के अपने पिता के प्रति समर्पण से अभिभूत दिखे और उन्होंने कहा कि वह जदयू अध्यक्ष के लिए ‘दिल्ली की गद्दी’ चाहते हैं।
राज्य सरकार में समाज कल्याण विभाग संभालने वाले मदन सहनी ने कमजोर वर्गों के उत्थान और महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में नीतीश के प्रयासों के लिए अपने नेता के वास्ते नोबेल पुरस्कार’ की मांग की।