मालदीव के दो प्रमुख विपक्षी दलों ने भारत को ‘सबसे पुराना सहयोगी’ बताते हुए अपनी सरकार के ‘भारत विरोधी रुख’ पर बुधवार को चिंता जताई। मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) और डेमोक्रेट पार्टी – दोनों दलों ने मालदीव सरकार के उस बयान के एक दिन बाद अपनी चिंता जताई जिसमें कहा गया है कि अनुसंधान और सर्वेक्षण करने वाले एक चीनी जहाज को देश के एक बंदरगाह पर खड़ा होने की अनुमति दी गई है।
चीनी जहाज को अनुमति भारत और मालदीव के बीच संबंधों में तनाव के बीच दी गई है। मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने सत्ता में आने और पदभार संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत चीन की यात्रा की थी। परंपरागत रूप से, मालदीव के राष्ट्रपति अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत भारत की यात्रा करते रहे हैं।
दोनों विपक्षी दलों ने मालदीव सरकार की विदेश नीति की दिशा” पर अपने आकलन में कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि वर्तमान प्रशासन भारत विरोधी रुख अपना रहा है। दोनों दलों ने कहा कि उनका मानना है कि किसी भी विकास भागीदार और विशेष रूप से देश के सबसे पुराने सहयोगी से दूर होना देश के दीर्घकालिक विकास के लिए बेहद हानिकारक होगा।
एमडीपी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री फैयाज इस्माइल और संसद के उपाध्यक्ष अहमद सलीम, डेमोक्रेट पार्टी के अध्यक्ष सांसद हसन लतीफ आदि नेता एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, “देश की विभिन्न सरकारों को मालदीव के लोगों के लाभ के लिए सभी विकास भागीदारों के साथ काम करना चाहिए, जैसा मालदीव पारंपरिक रूप से करता आया है। हिंद महासागर में स्थिरता और सुरक्षा मालदीव की स्थिरता और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।’’
दोनों दलों ने शासन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई और विदेश नीति तथा पारदर्शिता की कमी सहित कई विषयों को लेकर चिंता जताई।