नई दिल्ली: दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जांच कराने की सिफारिश की है। आरोप है कि केजरीवाल की पार्टी आप ने प्रतिबंधित खालिस्तानी आतंकी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ (SFJ) के आतंकियों को छुड़ाने के लिए राजनीतिक चंदे के तौर पर रिश्वत ली है। समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक उप राज्यपाल को शिकायत मिली थी कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी को देवेन्द्र पाल भुल्लर की रिहाई में मदद करने और खालिस्तान समर्थन भावनाओं को बढ़ाने के लिए चरमपंथी गुटों से भारी मात्रा में चंदा मिला था।
राजनिवास के सूत्रों ने बताया कि उपराज्यपाल ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ से कथित तौर पर धन प्राप्त करने को लेकर केजरीवाल के खिलाफ एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) जांच की सिफारिश की है।
दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने सोमवार को आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एनआईए जांच की उपराज्यपाल वीके सक्सेना की सिफारिश भाजपा के इशारे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ एक और साजिश है। इसने उपराज्यपाल को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का ‘‘एजेंट’’ करार दिया।
आप नेता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, “एलजी (उपराज्यपाल) साहब भाजपा के एजेंट हैं। यह भाजपा के इशारे पर केजरीवाल के खिलाफ एक और साजिश है। वे दिल्ली की सभी सात सीट पर हार रहे हैं और लोकसभा चुनाव में हार के डर से घबरा गए हैं।”उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा ने यह साजिश रच ली थी।
भारद्वाज ने बाद में सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “एलजी साहब चुनावी मौसम में सुर्खियां बटोरने की बेताब कोशिश कर रहे हैं। यह एलजी के संवैधानिक कार्यालय का पूरी तरह से दुरुपयोग है। इसी मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका को दो साल पहले उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की खंडपीठ ने जगदीश शर्मा द्वारा दायर याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह पूरी तरह से फिजूल है।
भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एनआईए जांच की सिफारिश का स्वागत किया।उन्होंने आरोप लगाया, ”अरविंद केजरीवाल के पूरे राजनीतिक करियर के दौरान और जब उन्होंने एक एनजीओ चलाया, यह देखा गया कि उनके मन में हमेशा अलगाववादी मुद्दों पर नरम रुख रहा।”