Champai Soren Profile: कथित जमीन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय के निशाने पर आए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। देर शाम राजभवन पहुंचकर उन्होंने गवर्नर को अपना इस्तीफा सौंपा। अब उनकी जगह हेमंत सोरेन कैबिनेट में मंत्री रहे चंपई सोरेन झारखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे। चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। उन्एहोंने सरपकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया है।
कौन हैं चंपई सोरेन:
चंपई सोरेन सरायकेला-खरसावां जिले के जिलिंगगोड़ा गांव के किसान सिमल सोरेन के सबसे बड़े बेटे हैं। वह अपने पिता के साथ खेतों में काम कर चुके हैं। कैबिनेट मंत्री के रूप वह हेमंत सोरेन सरकार में परिवहन, अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उन्होंने 1974 में जमशेदपुर स्थित राम कृष्ण मिशन हाई स्कूल से 10वीं तक की पढ़ाई की है। इस दौरान उनकी कम उम्र में शादी हो गई। उनके चार बेटे और तीन बेटियां हैं।
चंपई सोरेन झारखंड टाइगर के नाम से फेमस रहे हैं। जब 90 के दशक में अलग झारखंड राज्य की मांग उठी तो शिबू सोरेन के साथ चंपई ने झारखंड आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया और ‘झारखंड टाइगर’ के नाम से मशहूर हो गए।उन्होंने झारखंड आंदोलन में बढ़-चढ़कर भूमिका निभाई थी।
वह सरायकेला से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक हैं। उन्हें दूसरी बार मंत्री बनने का मौका मिला। मालूम हो कि चंपई सोरेन सियासत में आने से पहले खेती किया करते थे। वह शिबू सोरेन के सहयोगी रहे हैं। कई मौकों पर हेमंत सोरेन को इनका पैर छूते हुए भी देखा गया है। इतना ही नहीं सरकार से लेकर पार्टी तक के अहम विषयों पर हेमंत सोरेन इनसे ही सलाह जरूर लिया करते रहे हैं।
चंपई सोरेन ने 2005 में सरायकेला सीट पर उपचुनाव में निर्दलीय विधायक बनकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। बाद में वह झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) में शामिल हो गए। बीजेपी नेता अर्जुन मुंडा के नेतृत्व वाली सरकार में चंपई सोरेन को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। इस दौरान उनके पास महत्वपूर्ण मंत्रालय थे। चंपई 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक मंत्री रहे। उसके बाद राष्ट्रपति शासन लगा और फिर हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चंपई सोरेन झारखंड में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और परिवहन मंत्री बने।