नई दिल्ली: हरियाणा और महाराष्ट्र में हाल ही में हुई लिंचिंग की घटनाओं ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इन घटनाओं पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) ने गहरी चिंता व्यक्त की है और सभी प्रकार की हिंसा का कड़ा विरोध करते हुए कहा है कि देश से बड़ा कोई नहीं है। इसके साथ ही, मंच ने इंडिया गठबंधन और उसके नेताओं, जैसे राहुल गांधी, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, और अन्य विपक्षी नेताओं द्वारा दिए गए बयानों की भी कड़ी निंदा की है, जिनमें समाज को बांटने और देश का माहौल खराब करने का प्रयास देखा गया है।
इंडिया गठबंधन की आलोचना
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने इंडिया गठबंधन की भी कड़ी आलोचना की है, यह कहते हुए कि वोट बैंक की राजनीति के लिए ऐसे बयान नहीं दिए जाने चाहिए जो देश के माहौल को खराब करें। मंच का कहना है कि चाहे राहुल गांधी हों या अखिलेश यादव, सभी को संयमित बयान देना चाहिए और समाज में किसी भी तरह की नफरत फैलाने से बचना चाहिए। इंडिया गठबंधन के नेताओं से यह भी अपील की गई है कि वे देश को बांटने और तोड़ने के प्रयासों से दूर रहें। मंच ने ज़ोर देकर कहा कि किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं किया जा सकता और कानून को हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। परंतु सभी राजनीतिक नेताओं से अपील की है कि वे संयमित रहें और देश में शांति और सद्भाव बनाए रखने में सहयोग करते हुए, कानून एवं प्रशासन को अपना काम करने दें।
मंच ने याद किए डॉक्टर भागवत और डॉक्टर इंद्रेश के विचार
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का मानना है कि यदि गाय या किसी भी धर्म के व्यक्ति की लिंचिन की जाती है तो यह अत्यंत हृदय विदारक, निंदनीय और कठोरतम अपराध की श्रेणी में रखा जाना चाहिए। राष्ट्रीय संयोजक मंडल ने इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख डॉक्टर मोहन भागवत और MRM के मुख्य संरक्षक डॉक्टर इंद्रेश कुमार के विचारों को भी दोहराया। डॉक्टर मोहन भागवत ने जुलाई 2021 में एक कार्यक्रम के दौरान स्पष्ट किया था कि हिंदू और मुस्लिम दोनों का डीएनए एक है, और वे लोग जो “पाकिस्तान चले जाओ” जैसे भड़काऊ बयान देते हैं या शक के आधार पर किसी की लिंचिंग करते हैं, वे सच्चे हिंदू या भारतीय नहीं हो सकते।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक मंडल ने कहा कि मंच के मुख्य संरक्षक डॉक्टर इंद्रेश कुमार ने भी अनेकों बार अनेकों मंच से लिंचिंग की घटनाओं की निंदा करते हुए अपने बयान रखे हैं। इंद्रेश कुमार का मानना है कि ऐसी घटनाएं किसी भी समाज के लिए कलंक हैं और इनमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उनका मानना है कि हर व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करना चाहिए और दूसरों के धर्म का सम्मान करना चाहिए, लेकिन धर्म के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा का कोई स्थान नहीं है।
शांति सद्भाव की अपील
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने इस बात पर जोर दिया कि सभी को मिलकर देश में शांति और सद्भाव बनाए रखना चाहिए। मंच ने समाज के सभी वर्गों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की हिंसा का विरोध करें और कानून का सम्मान करें। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, चाहे वह धर्मांतरण, गोहत्या, या फिर किसी व्यक्ति की लिंचिंग के नाम पर हो। मंच ने अंत में यह संदेश दिया है कि देश का हर नागरिक एक-दूसरे का सम्मान करे और आपसी सौहार्द्र को बनाए रखने में योगदान दे। केवल तभी हम एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण समाज का निर्माण कर सकते हैं, जहां सभी लोग समान रूप से सुरक्षित और संरक्षित महसूस कर सकें।