पटना: पटना हाई कोर्ट ने राज्यभर के विश्वविद्यालयों के खातों से लेनदेन और कुलपतियों के वेतन पर रोक के निर्देश को स्थगित करने का आदेश देते हुए शुक्रवार को बिहार शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि अगले आदेश तक राज्य विश्वविद्यालयों और उनके अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं करें।
जस्टिस अंजनि कुमार शरण की पीठ राज्य सरकार संचालित कई विश्वविद्यालयों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें शिक्षा विभाग की एक बैठक में शामिल नहीं होने के लिए संस्थानों के बैंक खातों से लेनदेन पर रोक लगाने तथा कुलपतियों का वेतन रोकने के सरकार के हालिया आदेश को चुनौती दी गई थी।
अदालत ने कहा, ‘‘तदनुसार यह निर्देश दिया जाता है कि सभी विवादित आदेश जिनके तहत विश्वविद्यालय के अधिकारियों का वेतन रोक दिया गया है और विश्वविद्यालयों के सभी खाते फ्रीज कर दिए गए हैं, उन्हें अगले आदेश तक स्थगित रखा जाए।’’ मामले में अगली सुनवाई 17 मई को होगी।
बिहार सरकार ने मार्च में एक विश्वविद्यालय को छोड़ते हुए सभी अन्य राज्य विश्वविद्यालयों के बैंक खातों और कुलपतियों के वेतन लेने पर रोक लगा दी थी। इस साल फरवरी के अंतिम सप्ताह में शिक्षा विभाग की एक बैठक में इन संस्थानों के प्रतिनिधियों के अनुपस्थित रहने पर राज्य सरकार ने यह कार्रवाई की थी। यह आदेश शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक ने दिया था। पाठक और राजभवन के बीच भी इस मुद्दे पर तकरार हो चुकी है।