नई दिल्ली: केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी ने लोकसभा चुनावों से ठीक पहले राज्यसभा के चुनावों में बड़ा खेल कर दिया है। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में जहां अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के विधायकों को तोड़कर उन्हें करारी मात दी है, वहीं हिमाचल प्रदेश में सत्ताधारी कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। वहां कांग्रेस के विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर बीजेपी के कैंडिडेट को जिता दिया है।
यूपी में सपा विधायकों की क्रॉस वोटिंग से बीजेपी के सभी आठ प्रत्याशी जीत गए हैं। समाजवादी पार्टी के तीसरे प्रत्याशी आलोक रंजन हार गए हैं। सपा के सात विधायकों ने क्रॉस वोटिंग करते हुए भाजपा के संजय सेठ को वोट दिया है। सपा के पक्ष में भी एनडीए के दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। बसपा के एक मात्र विधायक ने भाजपा को वोट दिया। सपा ने भाजपा के एक विधायक का वोट किसी और से डलवाने का आरोप लगाते हुए आपत्ति की थी। सुभासपा ने भी अपने विधायक का वोट रद कराने की मांग की। कहा कि बिना दिखाए ही वोट डाला है। दोनों मामलों को निबटाने के बाद दोबारा गिनती शुरू हुई और भाजपा के आठ और सपा के दो प्रत्याशियों को विजयी घोषित कर दिया गया।
यूपी में नामांकन के अंतिम दिन से ही राज्यसभा का चुनाव रोचक हो गया था। दस सीटों पर पहले भाजपा के सात और सपा के तीन कुल दस ही प्रत्याशी थे। नामांकन के अंतिम दिन भाजपा ने अपना आठवां प्रत्याशी उतारकर चुनाव को रोचक बना दिया था। भाजपा की मंशा लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सपा में सेंधमारी करना था। भाजपा अपनी रणनीति में सफल भी हो गई है। प्रथम वरीयता के मतों में सबसे ज्यादा जया बच्चन को 41 वोट मिले हैं। लाल जी सुमन को 40 वोट मिले। तीसरे प्रत्याशी आलोक रंजन को प्रथम वरीयता के केवल 19 वोट मिले हैं। इसके अलावा भाजपा के अमर पाल, सुधांशु त्रिवेदी, चौधरी तेजवीर, नवीन जैन, साधना सिंह और संगीता बलवंत सभी को 38-38 वोट मिले। आरपीएन सिंह को 37 वोट मिले हैं। संजय सेठ को प्रथम वरीयता के 29 वोट मिले हैं।
भाजपा की रणनीति का ही असर है कि सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय भी बीजेपी के पाले में चले गए। उनके अलावा विधायक मुकेश वर्मा, पूजा पाल, राकेश पांडे, विनोद चतुर्वेदी, राकेश प्रताप सिंह और अभय सिंह ने भाजपा के पक्ष में वोट डाला। सपा के चर्चित पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की पत्नी विधायक महाराजी प्रजापति वोट देने नहीं पहुंचीं।
भाजपा के आठवें प्रत्याशी संजय सेठ की जीत ने पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन का राज्यसभा जाने का सपना धराशायी कर दिया है। सपा विधायकों की क्रास वोटिंग के कारण आलोक रंजन हार गए हैं। भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह, पूर्व सांसद चौधरी तेजवीर सिंह, पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के महासचिव अमरपाल मौर्य, पूर्व राज्य मंत्री संगीता बलवंत, पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, पूर्व विधायक साधना सिंह, आगरा के पूर्व महापौर नवीन जैन के साथ ही आठवें प्रत्याशी के रूप में संजय सेठ को मैदान में उतारा था। सपा ने अभिनेत्री सांसद जया बच्चन, दलित नेता रामजी लाल सुमन और पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन को प्रत्याशी बनाया था।
यूपी में 403 सदस्यीय विधानसभा में मौजूदा समय में 399 सदस्य हैं। इनमें 395 सदस्यों ने अपने मत का प्रयोग किया है। मतदान से पहले अखिलेश यादव को भरोसा था कि सपा के 106 और कांग्रेस के 2 विधायकों को मिलाकर 108 वोट मिलेंगे। लेकिन सपा के तीनों प्रत्याशियों को 100 वोट ही मिल सके। इसमें सपा के 97 विधायकों ने ही सपा प्रत्याशियों को वोट दिया। कांग्रेस के दो और एनडीए में शामिल ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा के एक विधायक ने सपा को वोट दिया है। भाजपा को अपने 252 विधायकों के साथ ही सहयोगी पार्टी अपना दल (सोनेलाल) के 13, निषाद पार्टी के छह, रालोद के नौ, सुभासपा के चार, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो और बसपा का एक वोट मिला है।
हिमाचल प्रदेश राज्यसभा की एक सीट के लिए मंगलवार को विधानसभा परिसर में हुए मतदान का नतीजा घोषित हो गया है। सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के प्रत्याशी व दिग्गज नेता अभिषेक मनु सिंघवी को हराकर भारतीय जनता पार्टी के हर्ष महाजन ने न केवल इतिहास रच दिया बल्कि राज्यसभा चुनाव भी जीत लिया है। दोनों दलों के प्रत्याशियों को 34-34 वोट मिले थे। इसके बाद पर्ची से फैसला हुआ जिसमें भाजपा ने बाजी मारी।
हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा की एक सीट के लिए मंगलवार को विधानसभा परिसर में हुए मतदान का नतीजा घोषित हो गया है। सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी को हराकर भाजपा के हर्ष महाजन ने राज्यसभा चुनाव जीत कर इतिहास रच दिया है। दोनों दलों के प्रत्याशियों को 34-34 वोट मिले थे। इसके बाद पर्ची से फैसला हुआ जिसमें भाजपा ने बाजी मारी। कांग्रेस विधायकों की ओर से क्रॉस वोटिंग के चलते भाजपा जीत के करीब पहुंची।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बाहर आकर मीडिया से कहा कि विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर बार-बार काउंटिंग स्थान पर आकर धमका रहे हैं। कह रहे हैं कि सुदर्शन बबलू को वोट क्यों डालने दिया। अगर वोट नहीं डालने देंगे तो कैसे चुनाव होगा। विपक्ष की ओर से गुंडागर्दी करने की कोशिश की जा रही है। सीआरपीएफ (सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स) की टीम और हरियाणा पुलिस का काफिला 5-6 विधायकों को लेकर गई है। जो लोग चले गए हैं, उनसे उनके परिवार संपर्क कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तो कॉउंटिंग की जा रही है। कांग्रेस के पास पूरा बहुमत है। हिमाचल की जनता इस तरह की संस्कृति को बर्दाश्त नहीं करेंगे। क्रॉस वोटिंग पर श्री सुक्खू ने कहा कि जनता ने कांग्रेस के विधायकों को चुनकर भेजा। लेकिन पार्टी के खिलाफ जाकर मतदान करना, जैसा कि सामने आ रहा है, जनता इसे देख रही है।
राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की चर्चाओं के बीच कांग्रेस के कुछ विधायकों को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की सुरक्षा दी गई है। केंद्र सरकार की ओर से ये सुरक्षा कर्मी भेजे गए हैं। इनकी तीन गाड़ियां विधानसभा परिसर में पहुंची और विधायकों की सुरक्षा में तैनात किए गए । ऐसी चर्चाएं हैं कि कांग्रेस के छह व तीन निर्दलीय विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। इन सभी विधायकों को हरियाणा नंबर की गाड़ी में चंडीगढ़ ले जाया गया है।