उत्तराखंड विधानसभा में बुधवार को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक ध्वनि मत से पारित हो गया। अब कानून बनने से सिर्फ एक कदम पीछे है। बिल के प्रावधानों के मुताबिक, उत्तराखंड में लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे लोगों को संबंधित जिला कार्यालय में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। बिल में कहा गया है कि अगर कोई जोड़ा लिव-इन रिलेशनशिप में रहने की योजना बना रहा है तो उसे भी पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। बिल में यह प्रावधान भी किया गया है कि अगर लिव -इन में रहने वाले जोड़े की उम्र 21 साल से कम है तो उसे अपने माता-पिता कि इजाजत लेनी होगी। ये सभी प्रावधान सभी पर लागू होंगे, चाहे वो उत्तराखंड के निवासी हों या नहीं।
समान नागरिक संहिता विधेयक, उत्तराखंड 2024 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सदन के पटल पर रखा था। इस विधेयक को पारित कराने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था। इससे पहले, विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस तथा बहुजन समाज पार्टी(बसपा) सहित विपक्षी दलों के सदस्यों ने विधेयक के कुछ प्रावधानों पर आपत्ति व्यक्त करते हुए उसे सदन की प्रवर समिति को सौंपने की मांग की थी।
बसपा विधायक मोहम्मद शहजाद ने इस मुद्दे पर सदन में एक प्रस्ताव भी पेश किया था। हालांकि, यह प्रस्ताव सदन में ध्वनिमत से खारिज हो गया। विधेयक पर चर्चा के आखिर में मुख्यमंत्री ने इस विधेयक को ऐतिहासिक बताते हुए सभी सदस्यों से इस मिलकर इसे पारित कराने का अनुरोध किया।