पड़ोसी देश पाकिस्तान में पेशावर उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) के उस आदेश को निलंबित कर दिया जिसमें जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को उसके चुनाव चिह्न ‘बल्ला’ से वंचित कर दिया गया था। अदालत के इस फैसले को इमरान खान की पार्टी की आंशिक जीत माना जा रहा है।
ईसीपी ने पिछले सप्ताह एक आदेश में पार्टी के आंतरिक चुनाव को रद्द कर दिया था और साथ ही ‘बल्ले’ को पार्टी के चुनाव चिह्न के रूप में इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी थी। पार्टी ने पेशावर उच्च न्यायालय में इस फैसले को चुनौती दी थी, जिसपर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति कामरान हयात मियांखेल ने याचिका पर अंतिम फैसला सुनाए जाने तक ईसीपी के आदेश को निलंबित कर दिया।
अधिवक्ता गौहर अली खान ने कहा, “यह न्याय की जीत है और हमें उम्मीद है कि अंतिम फैसले में अदालत ईसीपी के फैसले को स्थायी रूप से पलट देगी।” इस महीने की शुरुआत में पेशावर में हुए पीटीआई के आंतरिक चुनाव में गौहर अली खान पार्टी के नए अध्यक्ष चुने गये थे। सुनवाई के दौरान पीटीआई के वकील अली जफर ने इस बात को रेखांकित किया कि जब कोई पार्टी ईसीपी को अपने आंतरिक चुनाव का विवरण प्रदान करती है तो आयोग आम तौर पर एक प्रमाणपत्र जारी करता है और उसे अपनी वेबसाइट पर डालता है।
जफर ने कहा, हालांकि अभी तक प्रमाणपत्र ईसीपी की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया है। पीटीआई ने इससे पहले मंगलवार को ईसीपी के आदेश को चुनौती दी और अदालत से मामले की जल्द से जल्द सुनवाई करने का आग्रह किया। याचिका में अदालत से ईसीपी को पीटीआई के आंतरिक चुनावों के नतीजे अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करने और पार्टी के चुनाव चिह्न को बहाल करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया था।
पीटीआई ने दो दिसंबर को इमरान खान के करीबी अधिवक्ता गौहर खान को अपना अध्यक्ष चुना था। इमरान खान फिलहाल तोशाखाना मामले सहित भ्रष्टाचार के कई मामलों में जेल में बंद हैं। पिछले हफ्ते उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद उन्हें गोपनीय दस्तावेज लीक करने से जुड़े मामले में जमानत दे दी गई थी।