Eclipse 2024 Date and SutakTime : : ज्योतिष विज्ञानियों के मुताबिक, नए साल 2024 में दो बार सूर्य ग्रहण और दो बार चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। नए साल में पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को लगेगा। उस दिन रात में 9.12 बजे सूर्यग्रहण शुरू होगा जो मध्य रात्रि में 1 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगा। सूतक काल की शुरुआत ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले से हो जाती है। इसलिए 8 अप्रैल 2024 को सुबह 9 बजकर 12 मिनट पर ही सूतक काल शुरू हो जाएगा।
दूसरा सूर्यग्रहण साल 2024 का आखिरी सूर्यग्रहण होगा, जो 2 अक्टूबर को लगेगा। इस दिन रात 9 बजकर 13 मिनट पर सूर्यग्रहण की शुरुआत होगी जो मध्य रात्रि 3 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही साल के दूसरे सूर्यग्रहण के सूतक काल की शुरुआत 2 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 13 मिनट पर होगा।
भारत में सूतक मान्य होगा ?
साल 2024 का पहला सूर्यग्रहण पश्चिमी एशिया, दक्षिण-पश्चिम यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, अटलांटिक महासागर, उत्तरी धुव्र, दक्षिणी धुव्र और अफ्रीका में नजर आएगा लेकिन भारत में यह नहीं दिखेगा। इसलिए भारत में सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। 2024 का दूसरा और आखिरी सूर्यग्रहण भी भारत में नहीं दिखेगा। इसलिए, उसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। हालांकि, साल के दूसरे चंद्रग्रहण को अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और अटलांटिक महासागर में देखा जा सकेगा।
साल 2024 का चंद्रग्रहण :
साल 2024 का पहला चंद्रग्रहण 25 मार्च को लगेगा। चंद्रग्रहण की शुरुआत 25 मार्च 2024 को सुबह 10 बजकर 41 मिनट पर होगी और दोपहर को लगभग 3 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होगा। साल 2024 का आखिरी चंद्रग्रहण 18 सितंबर 2024 को सुबह 6 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगा और सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा।
कहां-कहां दिखाई देगा चंद्रग्रहण ?
2024 का पहला चंद्रग्रहण ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, अटलांटिक महासागर, प्रशांतमहासागर समेत कई क्षेत्रों में नजर आएगा। भारत में यह चंद्रग्रहण नहीं दिखाई देगा इसलिए सूतक काल भी नहीं लगेगा। साल 2024 का आखिरी चंद्रग्रहण यूरोप, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, साउथ और नॉर्थ अफ्रीका, अटलांटिक महासागर और आर्कटिक महासागर में नजर आएगा। भारत में साल का आखिरी चंद्रग्रहण भी नहीं दिखाई देगा।
साफ है कि साल 2024 में दो सूर्यग्रहण और दो चंद्रग्रहण लगेंगे, लेकिन भारत में ना तो ये दोनों चंद्रग्रहण और ना ही सूर्यग्रहण दिखाई देगा। इसलिए सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
क्या होता है सूर्य और चंद्र ग्रहण?
जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है तो इस स्थिति में सूरज की रोशनी धरती पर नहीं पहुंच पाती है। इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। वहीं, जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक सीधी रेखा में आ जाते हैं,तो इस दौरान सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पड़ता है,लेकिन चंद्रमा पर नहीं पड़ता है। इस घटना को ही चंद्र ग्रहण कहते हैं। हिंदू धर्म में इस भौगोलिक घटना का बड़ा ज्योतिषीय और धार्मिक महत्व है। ग्रहण के दौरान शुभ कार्यों की मनाही होती है।