प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ बने 28 विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के अध्यक्ष के तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नाम पर सहमति बन गई है। शनिवार (13 जनवरी) को हुई वर्चुअल मीटिंग में शामिल नेताओं ने खरगे के नाम पर चर्चा की और आम सहमति बनाई। सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी है। सूत्रों ने बताया कि गठबंधन के संयोजक पद के लिए जनता दल (यूनाइटेड) प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम प्रस्तावित किया गया लेकिन अंतिम फैसला उन पार्टियों से परामर्श करने के बाद लिया जाएगा, जिनके प्रतिनिधि बैठक में मौजूद नहीं थे। विपक्षी दलों के नेताओं ने डिजिटल माध्यम से बैठक की और गठबंधन के विभिन्न पहलुओं तथा अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनावों की तैयारियों पर चर्चा की। बैठक में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता शामिल नहीं हुए थे।
सूत्रों ने कहा कि नेताओं ने बिहार के मुख्यमंत्री एवं जद(यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार को विपक्षी गठबंधन का संयोजक बनाने का भी फैसला किया, लेकिन अंतिम फैसला उन पार्टियों से परामर्श करने के बाद लिया जाएगा, जिनके प्रतिनिधि बैठक में मौजूद नहीं थे। हालांकि, आज शाम तक कोई घोषणा नहीं की गई। कई लोग प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की दौड़ में गठबंधन अध्यक्ष और संयोजक का पलड़ा भारी मानते हैं, लेकिन विभिन्न दलों के नेताओं का कहना है कि ‘इंडिया’ गठबंधन के प्रधानमंत्री उम्मीदवार का फैसला चुनाव के बाद ही किया जाएगा।
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि खरगे को ‘इंडिया’ गठबंधन का अध्यक्ष नामित किया गया है, जो उनके नेतृत्व और दृष्टिकोण के प्रति विश्वास को दर्शाता है। उन्होंने कहा, ”कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सिर्फ कर्नाटक का गौरव नहीं हैं, वह देश का गौरव हैं और इस समय हमारे सबसे अनुभवी नेताओं में से एक हैं। आज, उन्हें ‘इंडिया’ गठबंधन का अध्यक्ष नामित किया गया है, जो उनके नेतृत्व के प्रति विश्वास को दर्शाता है।”
शिवकुमार ने कहा, ”उन्हें मेरी शुभकामनाएं और मैं जानता हूं कि वह अपार प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ ‘इंडिया’ गठबंधन का नेतृत्व करेंगे, जैसे उन्होंने कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व किया है।” बैठक में शामिल हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने संवाददाताओं से कहा कि संयोजक पद के लिए नीतीश कुमार का नाम सुझाया गया था, लेकिन जद(यू) नेता का विचार था कि पार्टी प्रमुखों की एक टीम बनाई जानी चाहिए और संयोजक नियुक्त करने की कोई जरूरत नहीं है।
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस प्रमुख खरगे और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के साथ-साथ सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच भी बातचीत जारी है। राकांपा प्रमुख शरद पवार और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि इस मुद्दे पर कोई विवाद नहीं है। सूत्रों ने कहा कि गठबंधन के नेता आगे की योजना तैयार करने के लिए जल्द ही महीने के अंत में प्रत्यक्ष रूप से बैठक करेंगे।
शाम को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी खरगे से उनके आवास पर मुलाकात की, जहां राहुल गांधी भी मौजूद थे। सूत्रों ने बताया कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेता राघव चड्ढा भी दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे से संबंधित वार्ता में शामिल हुए। खरगे ने बाद में ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि ‘इंडिया’ की समन्वय समिति के नेताओं ने ऑनलाइन मुलाकात की और गठबंधन पर सार्थक चर्चा की।
उन्होंने कहा, ”हर कोई खुश है कि सीट-बंटवारे की बातचीत सकारात्मक तरीके से आगे बढ़ रही है। हमने ‘इंडिया’ में शामिल दलों द्वारा आने वाले दिनों में संयुक्त कार्यक्रमों के बारे में भी चर्चा की।” कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ”मैंने राहुल गांधी जी के साथ ‘इंडिया’ में शामिल सभी दलों को उनकी सुविधानुसार ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में शामिल होने और इस देश के आम लोगों को परेशान करने वाले सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों को उठाने के अवसर का उपयोग करने के लिए आमंत्रित किया।”
राहुल गांधी की अगुवाई वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ रविवार को मणिपुर के इंफाल से शुरू हो रही है। इंफाल में यात्रा पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने के दौरान कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘इंडिया’ गठबंधन में नियुक्तियों पर सवालों के जवाब देने से इनकार कर दिया।
बैठक में भाग लेने के बाद पुणे जिले के जुन्नार में पत्रकारों से बातचीत में पवार ने कहा कि संयोजक बनाए जाने को लेकर ‘इंडिया’ गठबंधन के सदस्यों के बीच कोई विवाद नहीं है। पवार ने कहा, ”गठबंधन के सदस्यों द्वारा (बैठक के दौरान) एक सुझाव दिया गया कि नीतीश कुमार को इसका संयोजक नियुक्त किया जाए, लेकिन उन्होंने (कुमार ने) कहा कि पार्टी प्रमुखों की एक टीम का गठन किया जाना चाहिए और संयोजक नियुक्त करने की कोई आवश्यकता नहीं है।”
राकांपा अध्यक्ष ने यह भी कहा, ”वोट मांगने के लिए किसी चेहरे को आगे करने की जरूरत नहीं है। हम चुनाव के बाद नेता का चयन करेंगे और हमें विकल्प उपलब्ध कराने का भरोसा है। 1977 में मोरारजी देसाई को विपक्ष द्वारा प्रधानमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश नहीं किया गया था।”उन्होंने कहा, ”उम्मीदवारों (लोकसभा चुनाव के लिए) के बारे में चर्चा नहीं हुई… हम सीट-बंटवारे पर चर्चा करेंगे। महाराष्ट्र में लोकसभा सीट को लेकर सीट-बंटवारे पर चर्चा हुई और इसे अंतिम रूप दिए जाने के बाद हम घोषणा करेंगे।”
शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे शनिवार को निर्धारित कार्यक्रम का हवाला देते हुए विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की डिजिटल बैठक में शामिल नहीं हुए। ठाकरे ने कहा, ”इस संबंध में कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। मैंने बैठक में भाग लेने में असमर्थता व्यक्त की, क्योंकि मुझे एक पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में भाग लेना था, जिसमें बहुत व्यस्तता थी। ऐसे परिदृश्य में, बैठक में भाग लेना मुश्किल होता।”